प्रेम जनमेजय

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Gender Male
Industry Education
Location New Delhi, Delhi, India
Introduction प्रेम जनमेजय व्यंग्य- लेखन के परंपरागत विषयों में स्वयं को सीमित करने में विश्वास नहीं करते हैं । व्यंग्य को एक गंभीर कर्म तथा सुशिक्षित मस्तिष्क के प्रयोजन की विध मानने वाले प्रेम जनमेजय आध्ुनिक हिंदी व्यंग्य की तीसरी पीढ़ी के सशक्त हस्ताक्षर हैं । जन्म 18 मार्च , 1949 , इलाहाबाद , उ 0 प्र 0 , भारत । प्रकाशित कृतियांः व्यंग्य संकलन -- राजधानी में गंवार , बेर्शममेव जयते , पुलिस ! पुलिस !,मैं नहीं माखन खायो, आत्मा महाठगिनी,मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएं,शर्ममुझको मगर क्योें आती ! डूबते सूरज का इश्क, कौन कुटिल खल कामी । संपादन ः प्रसिद्ध व्यंग्यपत्रिाका 'व्यंग्य यात्राा' के संपादक बींसवीं शताब्दी उत्कृष्ट साहित्य ःव्यंग्य रचनाएं । नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित 'हिंदी हास्य व्यंग्य संकलन ' श्रीलाल शुक्ल के साथ सहयोगी संंपादक। बाल साहित्य -शहद की चोरी , अगर ऐसा होता , नल्लुराम । नव -साक्षरों के लिए खुदा का घडा , हुड़क, मोबाईल देवता । सम्मान @पुरस्कारः 'व्यंग्यश्री सम्मान' -2009 कमला गोइन्का व्यंग्यभूषण सम्मान2009 संपादक रत्न सम्मान- 2006 ;हिंदी हिंदी अकादमी साहित्यकार सम्मान -1997 अंतराष्ट्रीय बाल साहित्य दिवस पर 'इंडो रशियन लिट्रेरी क्लब 'सम्मान -1998